ईशक और अशक एसा की?
ईशक और अशक एसा की?
संग संग दोनो एक साथ चले.
कोई ना समझें इसकी जुबां,
ईशक दे सुकूं, अशक दर्द ए दिल?
ईशक एसा की कब किससे हो जाए?
मुहब्बत की यादों में हर कोई खो जाए?
कोई तो समझाए ये ईशक होता है क्यूँ?
दिल धड़कता उसकी यादों में ही क्यूँ?
शायर©किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)