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22 Jun 2024 · 1 min read

ईर्ष्या

ईर्ष्या (डमरू वर्ण पिरामिड)

ईर्ष्या द्वेष उसी में
जो घमंड कर
मद में ऐंठे
रहता है
दूषित
जन
है
है
भोगी
निंदक
कामातुर
सभ्य नहीं है
भव्य नहीं वह
मुरझाया दिखता।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 34 Views
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