Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Nov 2020 · 2 min read

ईमानदार और धोखेबाज

किसी गांव में दो व्यक्ति रहते थे एक का नाम “ईमानदार” और दूसरे का नाम “धोखेबाज” था। दोनों की नेचर एक दूसरे के बिल्कुल विपरीत थी “ईमानदार” बहुत भला और सच्चा था जबकि “धोखेबाज” बहुत मक्कार और झूठा था। यूं सभी लोग “ईमानदार” को बहुत पसंद करते थे। जहां कहीं भी देखो अक्सर लोग “ईमानदार” की बातें करते थे उसकी हर जगह तारीफ करते थे। और सब एक दूसरे को “ईमानदार” की तरह बनने की सलाह देते थे। परन्तु व्यावहारिक तौर पे लोग “धोखेबाज” से ज़्यादा प्रेरित थे। क्यूंकि वो काफी बड़बोला और मीठा था अपने काम आसानी से बना लेता था। वह काफी अमीर था उसके पास दौलत शोहरत आलीशान बंगले बड़ी बड़ी गाडियां थी इसलिए लोग उसकी तरफ ज़्यादा आकर्षित होते थे। परन्तु “धोखेबाज” फिर भी अपने आप में संतुष्ट नहीं रहता था हमेशा और अमीर होने के सपने देखता रहता था। और उसके लिए वह सब कुछ करने को तैयार रहता था। किसी के साथ भी हेरा फेरी करने से नहीं चूकता था। जबकि “ईमानदार” काफी गरीब था। उसके पास न तो दौलत शोहरत थी न ही बंगले गड़ियां बस एक ठीक ठाक रहने लायक छोटा सा घर था। परन्तु वह अपने आप में संतुष्ट और खुश रहता था। वह ज़्यादा अमीर होने के सपने नहीं देखता था जो भी उसके पास था वो उसी में खुश था। वो किसी को नुकसान पहुंचा कर अपना फायदा नहीं चाहता था बल्कि सबके हक़ की बात करता था। सब लोग “ईमानदार” को मूर्ख और “धोखेबाज” को चतुर कहते थे क्यूंकि “धोखेबाज” हमेशा अपना हित साधने में लगा रहता था। जबकि “ईमानदार” दूसरों की भी परवाह करता था। “ईमानदार” दुनियावी तौर पर अक्सर थोड़ा परेशान रहता था क्यूंकि उसके पास ऐशो आराम की सुख सुविधाएं नहीं थी। बस खास ज़रूरत की कुछ चीज़ें ही थी जिनके सहारे वो ज़िन्दगी गुज़ार रहा था। लेकिन वो जहनी तौर पर काफी खुश रहता था क्यूंकि उस का किसी से कोई लेना देना, बाद विवाद नहीं था। जबकि धोखेबाज दुनियावी तौर पर बहुत खुश और मज़े में नजर आता था क्यूंकि उसके पास ऐशो आराम और मनोरंजन कि बहुत सी सुविधाएं थीं। किन्तु वह जहनी तौर पर बहुत परेशान रहता था क्यूंकि उसकी खुदगर्ज नेचर के कारण आए दिन किसी ना किसी से कोई ना कोई बाद विवाद झगड़ा फसाद लगा रहता था।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 365 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक ख़्वाहिश
एक ख़्वाहिश
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
Mukesh Kumar Sonkar
अमृत वचन
अमृत वचन
Dp Gangwar
चलो मौसम की बात करते हैं।
चलो मौसम की बात करते हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कह रहे हैं मैं बुरी हूँ लेकिन
कह रहे हैं मैं बुरी हूँ लेकिन
Shweta Soni
आँसू बरसे उस तरफ, इधर शुष्क थे नेत्र।
आँसू बरसे उस तरफ, इधर शुष्क थे नेत्र।
डॉ.सीमा अग्रवाल
वज़ह सिर्फ तूम
वज़ह सिर्फ तूम
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
सपनो का सफर संघर्ष लाता है तभी सफलता का आनंद देता है।
सपनो का सफर संघर्ष लाता है तभी सफलता का आनंद देता है।
पूर्वार्थ
मां भारती से कल्याण
मां भारती से कल्याण
Sandeep Pande
*चाटुकार*
*चाटुकार*
Dushyant Kumar
आज रविवार है -व्यंग रचना
आज रविवार है -व्यंग रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
// दोहा पहेली //
// दोहा पहेली //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"दुर्भाग्य"
Dr. Kishan tandon kranti
हिंदी
हिंदी
पंकज कुमार कर्ण
राम है अमोघ शक्ति
राम है अमोघ शक्ति
Kaushal Kumar Pandey आस
कुंडलिया . . .
कुंडलिया . . .
sushil sarna
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
Lokesh Sharma
बिल्ली
बिल्ली
SHAMA PARVEEN
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
shabina. Naaz
एक तरफ चाचा
एक तरफ चाचा
*प्रणय प्रभात*
3562.💐 *पूर्णिका* 💐
3562.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
नैन मटकका और कहीं मिलना जुलना और कहीं
नैन मटकका और कहीं मिलना जुलना और कहीं
Dushyant Kumar Patel
1🌹सतत - सृजन🌹
1🌹सतत - सृजन🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
दादी दादा का प्रेम किसी भी बच्चे को जड़ से जोड़े  रखता है या
दादी दादा का प्रेम किसी भी बच्चे को जड़ से जोड़े रखता है या
Utkarsh Dubey “Kokil”
उलझते रिश्तो को सुलझाना मुश्किल हो गया है
उलझते रिश्तो को सुलझाना मुश्किल हो गया है
Harminder Kaur
I Can Cut All The Strings Attached
I Can Cut All The Strings Attached
Manisha Manjari
आँखों का कोना एक बूँद से ढँका देखा  है मैंने
आँखों का कोना एक बूँद से ढँका देखा है मैंने
शिव प्रताप लोधी
*तेरा साथ (13-7-1983)*
*तेरा साथ (13-7-1983)*
Ravi Prakash
जिंदगी हर रोज
जिंदगी हर रोज
VINOD CHAUHAN
*स्वच्छ मन (मुक्तक)*
*स्वच्छ मन (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
Loading...