ईमानदारी से
ईमानदारी से
सावधान
आपके अंग-संग
मुखबिर या गद्दार
तो नहीं
ये हैं वही लोग
जो पीढ़ी दर पीढ़ी
रहे हैं करते
अपना काम
ईमानदारी से
चाटते हैं जूता
अपने आकाओं का
ईमानदारी से
हिलाते हैं दुम
अपने आकाओं समक्ष
ईमानदारी से
इनका होना ही
ईमानदारी की नाव में
होता है छेद-सा
-विनोद सिल्ला