ईद मुबारक(मुक्तक)
ईद मुबारक !!!
मुबारक ईद हो तुमको तुम्हारी दीद बन जाऊँ।
बनी मुस्कान अधरों की तुम्हारी प्रीत बन जाऊँ।
भुला रंज़ों ग़मों को प्यार से रिश्ते निभा डालो।
गले लग नेह बरसाती तुम्हारी ईद बन जाऊँ।
डॉ.रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
संपादिका-साहित्य धरोहर
महमूरगंज, वाराणसी(मो.-9839664017)