ईकरार नामा
मेरे प्रिय साथी
हमसफर , राही
जाने कितने दिनों से
मेरे दिल के कोने में
दबी हुई भावनाएं
मुझे तड़पाएं
मैं चाहूं जब कहना
ख्वाईसें बस तेरे संग रहना
तब मन में अजीब सी
कश्मकश कि लडी़यॉ
मुझे उलझाएं , भटकाएं
बेजुबां सा हो जाता हुं
तुझे साथ पाकर
लगता है जैसे जी लिया वर्षों
चंद लम्हे बिताकर
तेरा वो मूस्कुराना
मुझे बहोत शुकुन देता है
हमारा वो बात-बात पर लड़ना
रुठना और मनाना
चाहतें और बढा़ देता है
तुम्हे ना देखुं एक पल भी
तो बेचैन सा हो जाता हुं
तु नही जानती मैं कैसे
बिन तेरे रात बिताता हुं
तेरी यादों के सपनों को
अपने संग जगाता हुं
मेरी जिन्दगी तुम हो
मेरी आशिकी तुम हो
तेरे बिन मैं तनहा हुं
शांत होकर मेरी धड़कन सुनना
ये तुमसे कुछ कहती हैं
मैं तुमसे प्यार करता हुं
खत मे यही लिखता हुं
बस यहीं तक लिखता हुं
तुम्हारे प्यार का प्यासा
दीवाना , हमदर्द तुम्हारा