इज़हार
वो अपने प्यार का इज़हार कुछ इस तरह कर गए
जाते जाते मेरी लिखी चिट्ठियां मुझे लौटा कर गए
गुस्ताखी ना जाने क्या हुई कल शाम महफ़िल में
जाने से पहले बताया भी नहीं हम जीते जी मर गए
वो अपने प्यार का इज़हार कुछ इस तरह कर गए
जाते जाते मेरी लिखी चिट्ठियां मुझे लौटा कर गए
गुस्ताखी ना जाने क्या हुई कल शाम महफ़िल में
जाने से पहले बताया भी नहीं हम जीते जी मर गए