इस शहर में सब हमें बदनाम कहते हैं
कभी डाकू, कभी लुटेरा, कभी बेईमान कहते हैं,
इस शहर में इज़्ज़तदारों को बदनाम कहते हैं।
मारे कई हिरन जिसने शौक शौक में,
वो भी आजकल मुझे सलमान कहते हैं।
हर जगह ढूंढा मैंने उन्हें, आसमान में, फरिश्तों में,
मालूम हुआ कि जिस जगह वो रहते हैं उसे श्मशान कहते हैं।
जल गयी है रूह भी उनकी, और आत्मा भी,
मुर्दा शरीर की अकड़ को वो अपनी शान कहते हैं।
मुझे मालूम है सारी गलतियां उनकी,
मैं कुछ बोलता नहीं तो वो हमें नादान कहते हैं।।