इस लड़ाई में क्या रखा है ?
ना गीता ने सिखाया है न कुरान ने सिखाया है ,
तो तुमने यह नफरत का पाठ कहां से सीखा है ?
मस्जिदों में पत्थर और मंदिरों में हथियार ,
हमने तो आज तक न कहीं सुना न कभी देखा है ।
शर्म नहीं आती तुम्हें जो इतने दीवाने हो रहे हो ?
आखिर यह मजहब की लड़ाई में क्या रखा है ?