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23 Feb 2022 · 1 min read

इस युग का संघर्षी

एक संघर्षी की सुनाऊं कहानी आज के युग का है वो प्रानी
बीएससी बीएड करके भी नोकरी न पाया है
कासगंज में रहता है गोपाल नाम वो पाया है
बड़े खानदान से न होकर छोटा ही संघर्षी है
कासगंज से अलीगढ़ आता इतना दूरदर्शी है
तारीख २१ को मानसिंह नगरा वो ले गया
मेरी बुआ का घर है ऐसा कहकर वो ले गया
वहां जाकर मेने देखा एक बड़े भाई थे वहां
बंटी भाई नाम था उनका बातें खूब कर पाए थे वहां
खुद उनके संघर्ष की गाथा सुनते ही होश उड़ गए
अपनी पढ़ाई के साथ साथ बच्चों को ट्यूशन वो देते
घर का खर्च कैसे चले और पढ़ाई वो करते
क्या लिखूं कितना लिखूं बंटी गोपाल के संघर्ष की कहानी
क्योंकि वो कल का नही आज के युग का है वो प्रानी
खतम बात अभी नही होनी है
क्योंकि दोनो संघर्षी थके नहीं है
बंटी भैया की मेहनत ने पुलिस विभाग पाया है
पर गोपाल रुका नहीं टीचर बनने वो जा रहा है
छोटे वर्ग की ये दास्तां दिल को चीर देती है
बड़े वर्ग के पास पैसा और अपनी बड़ी खेती है
अब तो देखा और समझा संघर्षी जीवन का हो उद्देश्य
इससे बढ़कर कुछ नहीं क्योंकि सफलता इसमें है शेष
कहै “आलोक” संघर्षी बनो देखे बहुत गुमानी
गुमान तुम्हारा न काम आएगा सनलो वो अभिमानी
एक संघर्षी की सुनाऊं कहानी
आज के युग का है वो प्रानी

आलोक वैद “आजाद”
एम० ए ० (समाज शास्त्र)
मो ०8802446155

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 168 Views
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