इस दौर में
इस दौर में अब हक़ बात की
क़ीमत नहीं कुछ भी।
कैसे कह दूँ अमीरी और गरीबी में
फ़र्क नहीं कुछ भी ।।
जो बदल जाये अमीरों की
ज़रूरत के मुताबिक ।
ऐसे कानून से इंसाफ़ की
उम्मीद नहीं कुछ भी ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
इस दौर में अब हक़ बात की
क़ीमत नहीं कुछ भी।
कैसे कह दूँ अमीरी और गरीबी में
फ़र्क नहीं कुछ भी ।।
जो बदल जाये अमीरों की
ज़रूरत के मुताबिक ।
ऐसे कानून से इंसाफ़ की
उम्मीद नहीं कुछ भी ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद