इस देश की ख़ातिर मिट जाऊं बस इतनी ..तमन्ना ..है दिल में l
इस देश की ख़ातिर मिट जाऊं बस इतनी ..तमन्ना ..है दिल में l
इस तन पे तिरंगा हो लिपटा जब जाऊं शहीदों की महफ़िल में l
अब कोशिश करे न छूने की ..कोई देश ..को बुरी ..निगाहों से –
मैं भी तो देखूं, है कितना दम, आख़िर .उस बाज़ू-ए-कातिल में l
सुशील सरना