इस दुनिया के बाहर कहां
अपनी अपनी कहानी
सब सुनाना तो बेशक चाहते हैं पर
कोई किसी की तकलीफ या
कहानी सुनना नहीं चाहता
सुनते भी हैं गर
कभी भूले भटके तो
मुजरिम अक्सर आप ही को
ठहराते हैं
खुद सच में मुजरिम
होते हैं पर
खुद को गुनहगार कभी
मानने को तैय्यार नहीं होते और
कोई उनकी तरफ आंख उठाकर तो
देखे
आंखें ही नोंचकर बाहर
निकालकर
आपके हाथों में रख देंगे
बहुत मुश्किल है
ऐसे लोगों से बरतना पर
आपके चारों तरफ हैं
ज्यादातर ऐसे ही लोग
अब इस दुनिया के बाहर
कहां जायेंगे या
कहां से किसी और लोक के
वासी ढूंढकर लायेंगे
अब किसी एलियन या
परी या
भगवान से तो कभी
मुलाकात हुई नहीं जो
वह हम इंसानों से बेहतर
होंगे और
हमें इंसानियत के नाम पर
कलंक होने का
अहसास करवायेंगे।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001