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22 Sep 2024 · 1 min read

इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए

इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए
कद बढ़ते ही विचार भी उनके बदल गए
देते हैं आज ठोकरें पाषाण की तरह
लगता है भूल अपना वो जैसे हैं कल गए

डॉ अर्चना गुप्ता

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