इस जमाने जंग को,
इस जमाने जंग को,
ना जीत पाये हम ।
गीत कैसा प्यार का,
गुनगुनाने चले थे हम ।।
फखत उसूलों का था,
जो हमें इतनी बड़ी सजा मिली ।
वर्ना उनकी दिवानगी भी,
मेरे लिए नहीं थे कम ।।
लेखक :– मन मोहन कृष्ण
तारीख :– 01/05/2018
समय :– 12 : 33 ( दोपहर )