इसे प्यार नहीं कहते
किसी की
मौत पर
दो आंसू बहा भी दिये तो
इसे प्यार नहीं कहते
जिन्दगी भर
किसी को न पूछा और
औपचारिकतावश
कभी कभार
किसी सुख या
फिर दुख के अवसर पर
आ गये तो
इसे प्यार नहीं कहते
यह कोई कैसे जानेगा कि
आप हंसे किस बात परऔर
रोये किस बात पर
जिसके साथ हैं
उसकी बात पर
या अपनी ही किसी
बात पर
आप रो रहे
किसी अपने को
याद करके या
जो मर गया
उसके दर्द को महसूस करके
जो सच्चे दिल से
किसी को प्यार
करते हैं
वह कभी
पल दो पल का
दिखावा नहीं करते
दुनिया के सामने
खुद को अच्छा
साबित करने की
कभी किसी से
होड़ नहीं करते
लोगों के हटते ही
ठहाके लगा लगाकर नहीं
हंसते
अपने मनोरंजन के साधन
नहीं ढूंढते
प्यार जो करते हैं
वह अकेले में रोते हैं
जब जब सांस लेते हैं
जिसे प्यार करते हैं
उसे याद करते हैं
जीवन के सारे कार्य
सम्पादित करते हुए
दिल के एक कोने में
अपनी प्यार भरी यादों को
समेटे
उन्हें बखूबी संजोकर
उन्हें संग लिए
अपने जीवन के
आखिरी मोड़ तक
साथ चलते हैं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001