इसे देखा उसे देखा __घनाक्षरी
इसे देखा उसे देखा जिसको भी देखता हूं।
मन में खयाल मेरे कई बार आते हैं।।
काहे जलते हैं एक दूसरे से दिन रात।
सबके विचार काहे बिखर से जाते है।।
रहेगा न यह और वह भी चला जाएगा।
एक से विचार फिर क्यों न अपनाते हैं।।
मानव हो मानव से प्रेम करो “अनुनय”
विनय यही है बंधु अमर हो जाते हैं।।
राजेश व्यास अनुनय