इसीलिए वे खुश रहते हैं
आप पहाड़ों को देखो, आप पेड़ों की तरफ देखो, आप आसमां देखो, आसमां में उन तमाम सितारों को देखो, जीवों को देखों पंक्षियों को देखने की कोशिश करो यदि आपके पास सच में आँखें हैं- तो आप देख पाओगे कि पूरा अस्तित्व खुश है, पेड़ों को किसी से नफ़रत नहीं, बादलों को किसी से कोई गिला-शिकवा नहीं, पहाड़ अपने में मस्त हैं, पेड़-पौधौं ने आपको हमेशा दिया ही है आपसे कुछ लिया नहीं; वे सभी हमारी तरह एक दूसरे की टांग नहीं खींचते, वे न अमीर हैं न ही पैसों के लिए दौड रहे हैं और उन्हें किसी से कोई मोह नहीं सम्भवतः इसीलिये वे खुश रहते हैं।