इसलिये …………
इसलिये……
वो जो मुझे क़िस्मत से मिली हैं
उनका ज़िक्र करना बड़ा ज़रूरी है
मेरी हँसी में शामिल हो जाती हैं
मेरे आँसू को पोंछना भी जानती हैं
दुख दर्द को मेरे बाँटना जानती है
कब गमगीं से भरे मेरे चेहरे पर
ख़ुशियों की फुहार छोड़ जाती हैं
इसलिये……..
वो जो मुझे क़िस्मत से मिली है
उनका ज़िक्र करना बड़ा ज़रूरी है !
उम्र के दायरे जो भुला देती है
बेतुकी सी हरकतें कराने लगती है
मेरी मुश्किलें आसान करती है
परेशानियों को मेरी ताक पर चढ़ा कर
बेख़ौफ़ से जीने का सबब सिखला देती हैं
इसलिये…….
वो जो मुझे क़िस्मत से मिली है
उनका ज़िक्र करना बड़ा ज़रूरी है !
रिश्तों की सीमायें लाँघ जाती हैं
कभी माँ कभी बेटी बन जाती हैं
ऊम्र के दायरे भुला देती हैं
दौड़ती हुई ज़िंदगी के उतार चढ़ाव में
मेरी सीढ़ी का काम कर जाती है
इसलिये…….
वो जो मुझे क़िस्मत से मिली हैं
उनका ज़िक्र करना बड़ा ज़रूरी है
क़ीमत कहाँ उनकी लगा पाते हैं
उनके दिए ख़ज़ाने तो बड़े अनमोल होते हैं
कोई उनको चुरा न ले हम से
चलो अपने दिल के बहुत क़रीब
एक ख़ुशनुमा आशियाने में छुपा लेते है
इसलिए ………
वो जो क़िस्मत से मिली हैं
इन सहेलियों का
ज़िक्र करना बड़ा ज़रूरी है !