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21 Dec 2023 · 1 min read

इसलिए आप मुझको बुलाए नहीं

मुझे पता है कि आपने ऐसा क्यों किया
सबको बुलाया मुझे ही बिसार दिया,
फिलहाल जो किया बहुत अच्छा किया
खुद ही नहीं मुझे भी असुविधा से बचा लिया।
आप सोच तो रहे हैं अभी भी मुझे बुलाने को
पर असंमजस में हैं कि मैं आ ही न जाऊं
क्योंकि आप जानते हैं मैं तो आ ही जाऊंगा
इतना खूबसूरत मौका छोड़ भी तो नहीं पाऊंगा।
वैसे भी आपके मन का चोर जाग रहा है
और मुझे बुलाने से आपको रोक रहा है,
आपका अंर्तमन ईर्ष्या कुंठा से भरा है
बीती बातों को लेकर उछल कूद अब तक कर रहा है
दो कदम आगे एक कदम पीछे आपको खींच रहा है
आपको बड़े अधिकार से गुमराह कर रहा है
पर इसमें तो कुछ भी नया नहीं है मित्र
क्योंकि आपका तो ये शगल पुराना है
सिर्फ स्वार्थ वश रिश्ते बनाने का जमाना है
जिसके आप स्वयंभू प्रोफेसर हो
बस! इसीलिए आप मुझको बुलाए नहीं हो
पर कोई लाभ फिर भी पाये नहीं हो।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
87 Views

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