इश्क़ राह
सिखाता रहा वो इश्क़ मुझे बार बार ।
गिरता रहा मैं इश्क़ राह बार बार ।
टूटता न था दिल उस संग की चोट से ,
होता रहा अपनी निग़ाह से जार जार ।
…. विवेक दुबे”निश्चल”@…
सिखाता रहा वो इश्क़ मुझे बार बार ।
गिरता रहा मैं इश्क़ राह बार बार ।
टूटता न था दिल उस संग की चोट से ,
होता रहा अपनी निग़ाह से जार जार ।
…. विवेक दुबे”निश्चल”@…