इश्क
न जाने क्यों आज भी तेरे लिए सबको ठुकरा रही हूं
न जाने क्यों गलत नहीं तु दुनिया को समझा रही हूं
अब भी मैं सिर्फ तुझी से मोहब्बत कर रही हूं
तेरे ही इश्क को रोम – रोम में अपने बसा रही हूं
होश नहीं दुनिया जहान का मैं तो बस तुझ में ही समा रही हूं
कहानी अधूरी प्यार की आज भी दुनिया को सुना रही हूं
राधा हूं तेरी इंतजार में तेरे घड़ियां मैं काट रही हूं