इश्क लिखूं तो करूं कब
इश्क़ लिखूँ तो करूँ कब
इश्क़ लिखूँ तो करूँ कब,इश्क़ करूँ तो लिखूँ कब,
तेरे जुल्फों के साये मे सिमटा रहूँ ,तेरे चेहरे को आँखों मे भर लूँ ,
तेरी अदाओं से मोहब्बत करूँ ,तो तुझसे मोहब्बत करूँ कब ,
इश्क़ लिखूँ……………………………………………………..
तेरे दामन से लिपटा रहूँ , तेरे संग हवाओं से बातें करूँ,
तेरी साँसों में भर दूँ अपनी साँसे, तो उन साँसों को महसूस करूँ कब ,
इश्क़ ……………………………………………………………
तेरी चाहत का दीदार करना बाकी है ,
तेरी मोहब्बत का इज़हार करना बाकी है ,
दुआओं मे हर रोज़ मांगती हूँ तुझको ,
तुझसे मोहब्बत निभाऊँ कब !!