इश्क यूं ही है बदनाम
नाम इश्क वालों का है बहुत
फिर भी इश्क है बदनाम
बेवफ़ाई करता है इंसान
बेचारा इश्क यूं ही है बदनाम।।
इश्क तो एक जज्बा है
जो रिश्तों को जोड़ता है
पाना चाहता है हर कोई इसे
फिर भी इश्क यूं ही है बदनाम ।।
इश्क मीरा को भी था
इश्क राधा को भी था
इश्क तुमको भी है
इश्क हमको भी है
फिर भी इश्क यूं ही है बदनाम।।
उसे इश्क रब से है
ना जाने वो कब से है
कहता है रब जबसे है
उसे इश्क तब से है
फिर भी इश्क यूं ही है बदनाम।।
ना दिन देखता है
ना रात देखता है
इश्क तो केवल
जज्बात देखता है
फिर भी इश्क यूं ही है बदनाम।।
हम जब आइना देखते है
उसमे अपना अक्स ढूंढते है
जब इश्कवाले आइना देखते है
वो उसमे भी सनम ढूंढते है
फिर भी इश्क यूं ही है बदनाम।।
इश्क से सभी को इश्क है
पर कहने से सभी को रश्क है
इश्क हो जाए सभी का सपना है
इश्क हो जिससे वही अपना है
फिर भी इश्क यूं ही है बदनाम।।
कोई इश्क में अंधे हो गए
कोई इश्क में पागल हो गए
वो तो मशहूर हो गए मगर
फिर भी इश्क यूं ही है बदनाम।।