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13 Apr 2023 · 1 min read

इश्क में हमसफ़र हों गवारा नहीं ।

इश्क में हमसफ़र हों गवारा नहीं ।
झूंठ कहती हो कोई हमारा नहीं ।।
इश्क में एक पल भी हमारे बिना ।
झूंठ कहती हो तुमने गुजारा नहीं ।।
इश्क दरिया हमारा जो प्यारा कभी।
आज कहती हो इसमें किनारा नहीं।।
फूल तुम बन गई तो भ्रमर आ गए ।
झूंठ कहती हो इसमें इशारा नहीं ।।
ज़ख्म खाते रहे हम अकेले सनम।
झूँठ कहती प्रखर ने पुकारा नहीं ।।

सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर ‘

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