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16 Apr 2022 · 1 min read

इश्क था मेरा।

इश्क था मेरा कोई सामान ना था।
जो तुमने कुछ पैसों में इसका सौदा कर लिया।।1।

अपना खुदा माना था मैंने तुमको।
इतने बड़े अकीदे पर भी तुमने धोखा दे दिया।।2।।

बड़ा रंज आया अपनी मुहब्बत पे।
जाने से पहले तुमने हमको बेवफा कह दिया।।3।।

बड़े घर की इज्जत कैसी होती है।
बदनाम ना हो पहले ही देखो रोका कर दिया।।4।।

दूरियां थी जो बाप बेटे के दरम्या।
उन सभी को मिटाने को घर में पोता हो गया।।5।।

बड़े अदब से इंसानी आवाज़ मे था।
पकड़ने से पहले जो साख से तोता उड़ गया।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

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