इश्क किया है तो
अपने मुंह मे राम बगल मे तलवार मत रखिए..
कभी मानवीय रिश्तों मे इतना खार मत रखिए..
इश्क किया है तो सर काटकर हथेली पे रख,
सिर्फ दिखावे वाली मोहब्बत-औ-प्यार मत रखिए..
आपकी बहन बीवी को ही हवसी नजर से देखे,
अपने यारों की फेहरिस्त में ऐसा यार मत रखिए..
किसी भी बुलन्दी को छूना है तो इतना ध्यान रहे,
रख बुलन्द हौंसला,दिल में कभी भी हार मत रखिए..
हो सकता है आपको ही जलाकर राख कर दे,
अपने पड़ोसी के लिए दिल में अंगार मत रखिए..
एक ही मिट्टी से तो बनते हैं मस्जिद और मन्दिर,
बेवजह हिन्दू मुस्लिम के नाम पे दरार मत रखिए
अ ‘देव’ आने वाली पीढ़ी तेरी मिसाल देंगी,
बशर्तें..तू अपने गिरेबां को दागदार मत रखिए
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त्रिदेव दुग्गल “अन्नू”