इश्क का दौ र
आज का दौर है इश्क का ,आज का जमाना दीवाना है इश्क का ।
आज जमाने में इश्क है कच्चा ,तभी तो आज इश्क करता है बच्चा बच्चा।
इश्क को बनाओ ना कोई खेल ,यह तो है
दो सच्चे दिलों का मेल।
इश्क तो है सच्चे रब ही इबादत ,तभी तो
सच्चा इश्क है जग की इजाजत।
इश्क को नाम दिए हैं हजार ,कोई कहता है मोहब्बत ,तो कोई कहता है प्यार ।
इश्क में जीना नहीं आसान ,यही तो समझा गए रांझा ते मिर्जा जैसे इंसान।
इश्क करो तो दिल से ,इसे निभाओ तो
दिल से ।
देना इश्क मैं ना धोखा किसी को ,क्योंकि
दर्द में जीना ना आता सभी को।