इश्क़
आना जाना लगा रहेगा,
तेरी यादों का यूँ दिल धड़काना लगा रहेगा,
बेमौसम बरसातों का कभी भी आ जाना लगा रहेगा,
चिड़ियों का चहचहाना लगा रहेगा,
फूलों का मुस्कुराना लगा रहेगा,
अँधेरे में जुगनुओं का टिमटिमाना लगा रहेगा,
चाँद का बहाना कर, छत पर तुझे देखने आना लगा रहेगा
गली में तुझे देख कर, जहन का शोर मचाना लगा रहेगा,
इतना होने पर भी, प्यार नही है,
ख़ुद को बार -बार यह समझना लगा रहेगा,
इश्क़ है या रोग तपेदिक का,
समझ को समझाना लगा रहेगा,
तेरी गलियों में अक्सर हमारा आना-जाना लगा रहेगा,
तेरे दीदार पर ख़ुश होना,
तेरे न दिखने पर उदास हो जाना लगा रहेगा,
लोगों के लिए नीला, पर हमारे लिए आसमान गुलाबी बना रहेगा,
यह रेंगता समय भी हमारे लिए शताब्दी बना रहेगा,
तेरे इश्क़ में आँखों पर तिलिस्म चड़ा रहेगा……….