Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2024 · 1 min read

इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।

इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
महसूस करने की मुहूर्त है।
इश्क निस्वार्थ भाव से करके देखो।
तो पता चलेगा कि जिंदगी कितनी खूबसूरत है।
RJ Anand Prajapati

203 Views

You may also like these posts

प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
पूर्वार्थ
आपकी बुद्धिमत्ता प्रकृति द्वारा दिया गया सबसे बड़ा इनाम है।
आपकी बुद्धिमत्ता प्रकृति द्वारा दिया गया सबसे बड़ा इनाम है।
Rj Anand Prajapati
प्रिये का जन्म दिन
प्रिये का जन्म दिन
विजय कुमार अग्रवाल
यूँ ही नहीं फहरते परचम
यूँ ही नहीं फहरते परचम
Dr. Kishan tandon kranti
- तुम्हारा ख्याल हरदम रहता है -
- तुम्हारा ख्याल हरदम रहता है -
bharat gehlot
शेखर ✍️
शेखर ✍️
शेखर सिंह
अक्षम_सक्षम_कौन?
अक्षम_सक्षम_कौन?
Khajan Singh Nain
विश्वास
विश्वास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
यह चाय नहीं है सिर्फ़, यह चाह भी है…
यह चाय नहीं है सिर्फ़, यह चाह भी है…
Anand Kumar
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
हौंसलों की उड़ान
हौंसलों की उड़ान
Arvind trivedi
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
कलम
कलम
Kumud Srivastava
एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम– गीत
एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम– गीत
Abhishek Soni
नई फरेबी रात …
नई फरेबी रात …
sushil sarna
मनुष्य
मनुष्य
Sanjay ' शून्य'
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
आखिर मुझे कहना है संवेदना है वो वेदना है
आखिर मुझे कहना है संवेदना है वो वेदना है
Sandeep Barmaiya
मुद्रा नियमित शिक्षण
मुद्रा नियमित शिक्षण
AJAY AMITABH SUMAN
चराचर के स्वामी मेरे राम हैं,
चराचर के स्वामी मेरे राम हैं,
Anamika Tiwari 'annpurna '
बड़ा ही अजीब है
बड़ा ही अजीब है
Atul "Krishn"
"If you continuously encounter
Nikita Gupta
दादी माँ - कहानी
दादी माँ - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शब्द
शब्द
Mandar Gangal
सभी इंसान हैं
सभी इंसान हैं
Shekhar Chandra Mitra
4247.💐 *पूर्णिका* 💐
4247.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
জয় হোক শিবের
জয় হোক শিবের
Arghyadeep Chakraborty
हिंग्लिश में कविता (हिंदी)
हिंग्लिश में कविता (हिंदी)
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
ये जो मेरी आँखों में
ये जो मेरी आँखों में
हिमांशु Kulshrestha
दुनिया में हज़ारों हैं , इन्सान फ़रिश्तों  से  ,
दुनिया में हज़ारों हैं , इन्सान फ़रिश्तों से ,
Neelofar Khan
Loading...