इश्क़ ए रकीब
इश्क होता तो वो साथ होती ।
ख़्वाब थी तो कैसे साथ होती?
शब भर रोता हूं मैं जैसे जैसे
इश्क होता तो वो साथ रोती।
डरते तो दुश्मन है यार हमसे
मगर दुश्मनों से शिकायत क्यों करना
मैं कांटा हूं या यार पत्थर या जो भी
मैं तेरा हूं तुमको मुझसे क्यों डरना
बेहिचक कह दो तो जां भी हाजिर
मगर शर्त है मोहब्बत से कहना।
अगर तस्सल्ली तुम्हें मिले तो
सुनो ओ जां मुझे खुदगर्ज कहना।
तेरी ख़ुशी थी ज़ुस्तज़ु मेरी
जो भी खता की यही बस खता की
मुझे बताओ कि दूर रहकर
क्या आपने दिल से मुझे जुदा की
अगर है मुमकिन तो यार सुन ले
दिल जो कहे वो ही रास्ता चुन ले
मगर जब भी चलना संभलकर चलना
ज़ालिम है दुनियां तुम खुद को बदलना
तेरी सादगी से कायल हुए हैं
तेरे नज़रों से धायल हुए हैं
यह कह कर आएगा वो पास तेरे
कहेगा तेरा ख्यालों ने है मुझको घेरे
बैठूं चलूं या लेटू बिस्तर पर
तेरी याद मिटाती है दिल के अंधेरे
मेरा नाम है इस शहर में बहुत ही
मैं आगे हूं मैं अपने हुनर में बहुत ही
हज़ारों की कमाई तो घंटो में है अपनी
जिसे चाहूं पालूं ये हैसियत है अपनी
मगर जान दुनियां तुझ में ही दिखा है
लो आज आज शाह तेरे सामने झुका है
ये पड़को गुलाबों से भरी गुलदस्ता
बहुत कीमती है समझो न सस्ता
तेरे लिए मैं तो नथुनी गढ़ाऊं
तू जो कहे तो उसपे हीरे चढ़ाऊं
तेरे नूर चेहरे की है चांद जैसा
तो देखो रुख हुआ सालीम चांद जैसा
क्या कहना अब मुझे समझ नहीं आती
तेरी हरेक बातें हैं सीधे दिल में समाती।
तो मेरी गुलाब इस गुलाब को थामो
अपने हाथों में मेरे हाथों को थामो।
यही कुछ नज़ारा दिखाएगा वो जब
नहीं रोक पाओगे तुम खुद को तब।
इजहार ए मोहब्बत तुम कबूल कर लोगे।।
यही कुछ कहानी आगे बढ़ेगी
चाहत उम्मीदें सब कुछ बढ़ेगी
मुझे याद करके दोनों हंसेगी
कहेगी दीपक बेवकूफ था कितना
मैं जितना अकड़ी वो झुका उतना
शुरू के महीने मज़े से कटेंगे
कुछ दिन बाद सब पर्दे हटेंगे
वो अहसानों का कीमत मांगेगा तुमसे
मेरी जान वो इज्जत भी मांगेगा तुमसे
तुम तो रूहानी मोहब्बत की याेगन
मगर आंखों पे वो परदा डाल देगा
अजिर को वो परदे से निकाल देगा
मेरी मोहब्बत थी बिना शर्त का ही
मगर इश्क का वो तमाम शर्त कहेगा
मुझे याद करके रोओगी उसदिन तुम
जिस दिन रकीब तुझे खुदगर्ज कहेगा।।
तेरी दर्द मैं तो फिर से देख न पाऊंगा
मगर आंख से अश्क भी सूखा रहेगा
मेरी रूह खोजेगी तुम तो लेकिन
मेरा जिस्म मिट्टी में सिमटा रहेगा
मैं कब्र से उठने का कोशिश करूंगा
मगर यह कोशिश तुमको ना दिखेगी
©®दीपक झा रुद्रा