इल्तजा मालूम है…
गलती से गलती करने की सजा मालूम है
रुसवाई और बेवफाई का मजा मालूम है
कुछ इस तरह खोये है तुम्हारी यादों के शहर में
खुद को भूले हैं पर तुम्हारी हर इल्तजा मालूम है।
– मानसी पाल ‘मन्सू’
गलती से गलती करने की सजा मालूम है
रुसवाई और बेवफाई का मजा मालूम है
कुछ इस तरह खोये है तुम्हारी यादों के शहर में
खुद को भूले हैं पर तुम्हारी हर इल्तजा मालूम है।
– मानसी पाल ‘मन्सू’