भरी आँखे हमारी दर्द सारे कह रही हैं।
"मित्र से वार्ता"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कंधे पे अपने मेरा सर रहने दीजिए
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
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गुरु स्वयं नहि कियो बनि सकैछ ,
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक रिपोर्ट*
अयोध्या धाम तुम्हारा तुमको पुकारे
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़।
तुम्हारी जय जय चौकीदार
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
-- फ़ितरत --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
धड़कूँगा फिर तो पत्थर में भी शायद
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
छोड़ कर महोब्बत कहा जाओगे
क्यों गए थे ऐसे आतिशखाने में ,
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।