*इरादों में तुम रखना जान*
इरादों में तुम रखना जान और मुट्ठी में आसमान
हर मुश्किल के ही आगे,लेना अपना सीना तान
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
राहें तेरी मीत बनेंगी,आगे बढ़ने की लो ठान
मुमकिन है तेरे लिये सब,इस का ही बस रखना भान
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
बनकर शेर सा ही रहना,गीदड़ का ना रखना स्थान
दौर भले कैसा भी हो,कायम रखना अपनी शान
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
सब का ही तुमरखनामान,भले -बुरे का रखना ज्ञान
खुशियों को पाना हो गर,कर लेना खुद से पहचान
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
पाकर मंज़िल कोअपनी,करना न कभी अभिमान
इरादों में तुम रखना जान और मुट्ठी मे आसमान…..
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
धर्मेन्द्र अरोड़ा