” इरषे नागड़ि नहि कटबाऊ”
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
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इरषे नागड़ि
हमहूँ कटेलहूँ ,
नहि मनुख हम
बनि सकलहूँ !
फुसिए जानवर
क झुंड मे
मुड़ियारी हम
दैत रहलहूँ !!
कखनो मन
भेल नेता बनि
भाषण सब
दिन दिहतहूँ !
संविधानक रोज
उपेक्षा करि
अशांत वातावरण
बनबितहूँ !!
लोग सब
सजग छथि ,
गप्प सब
बुझैत छथि ,
नेता अपन
स्वार्थ लेल
सिद्धि मे
लागल छथि !!
देश क लेल
किछु नहि केलहूँ !
आन्दोलनक क
पीड़ा नहि झेलहूँ !!
गारि अपन
पूर्वज कें दैत रहलहूँ !
शिखंडी रहितहूँ
वीर हम बनि गेलहूँ !!
धर्म पर आघात
करि धर्म सं हम
धर्म कें लड़बैत छी !
लोकक संघार
करि -करि कें
तालिबान
हम कहबैत छी !!
देश हमर अछि
श्रेष्ठ जगत मे ,
सबकें अछि
सम्मान एतय !
धर्म ,जाति आ
सभ्यता ,संस्कृति
सबकें समुचित
मान एतय !!
जूनि इरषे
नागड़ि कटबाऊ
अपन छवि कें
सुधारि लिय !
भारत भूमि कें
दिव्य बनाऊ
सबकें हृदय
उतारि लिय !!
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डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड
भारत
28.12.2021