इम्तेहां बार बार होते हैं
इम्तेहां बार बार होते हैं
आप क्यों बेक़रार होते हैं
लोग अक्सर शिकार होते हैं
हादसे बेशुमार होते हैं
खिलखिला कर हँसा नहीं करते
लोग जो बा वक़ार होते
यूँ समझ कर निभाए जाते हैं
फूल के साथ ख़ार होते हैं
मुफलिसों के नसीब में यारों
ख्वाहिशों के मज़ार होते हैं