“इबादत “…
कशमकश में हो
जब ज़िंदगी
निर्णय के दोराहे पर
हो खड़ी
विचारों के चक्रव्यूह डराकर
बेवजह कर रहे हों निराश
सकारात्मक से कुछ
बोल बोल देना तुम,
यही वार्तालाप होगा
इबादत का एक पल…..
।©®उषा शर्मा
कशमकश में हो
जब ज़िंदगी
निर्णय के दोराहे पर
हो खड़ी
विचारों के चक्रव्यूह डराकर
बेवजह कर रहे हों निराश
सकारात्मक से कुछ
बोल बोल देना तुम,
यही वार्तालाप होगा
इबादत का एक पल…..
।©®उषा शर्मा