Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2023 · 1 min read

बहुत खलता है

बहुत खलता है जब छोड़ना पड़ता है
अपना घर अपना आंगन
भले ही हो वो शहर मे,या गांव में
धूप में या घने जंगल की छांव में
पक्का पलस्तर चढ़ा हुआ
या फिर कच्चा,टांटर से जड़ा हुआ
गौबर मिट्टी से मढ़ा हुआ
बहुत खलता है जब छोड़ना पड़ता है
अपना घर अपना आंगन
तब और भी ज्यादा खलता है ऐ दोस्त
कि जब तुम्हे कोई जबरदस्ती निकाले
तुम्हारे निवासों से
और ये बताऐ भी ना क्यों निकाले गए तुम
अपने वासों से
बस जारी करके फरमान ये कहा जाऐ
छोड़ दो ये जंगल,और निकल जाओ
कट जाओ जड़ों से अपनी,जमाने के साथ बदल जाओ
बहुत खलता है जब छोड़ना पड़ता है
अपना घर अपना आंगन
भला कैसे कोई अपनी जड़ों से कट जाये
क्यों छोड़ दे ये जंगल,जो मूल निवास हैं हमारे
आदिवासी हैं हम यही वास हैं हमारे
यही जंगल रोटी हैं यही जंगल पानी हैं
यही जीने की आस हैं हमारे
उन्होंने खैरात में नहीं दिया है ये सब
हमारे बुजुर्गों ने बनाया है मेहनत से
लगन से प्यार से
ये घर ये आंगन,अब छोड़ नहीं सकते हम
और क्यों छोड़ें क्या वो छोड़ सकते हैं
अपनी बस्ती अपना समाज
अपनी रस्में अपने रिवाज, नही ना
तो हम क्यों दें अपना त्याग अपना बलिदान
बहुत खलता है जब छोड़ना पड़ता है
अपना घर अपना आंगन
मारूफ आलम

Language: Hindi
180 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
Shweta Soni
तमन्ना है तू।
तमन्ना है तू।
Taj Mohammad
मानवता का मुखड़ा
मानवता का मुखड़ा
Seema Garg
"Recovery isn’t perfect. it can be thinking you’re healed fo
पूर्वार्थ
परिणति
परिणति
Shyam Sundar Subramanian
प्यार में पड़े किसी इंसान की दो प्रेमिकाएं होती हैं,
प्यार में पड़े किसी इंसान की दो प्रेमिकाएं होती हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"फिर"
Dr. Kishan tandon kranti
पढी -लिखी लडकी रोशन घर की
पढी -लिखी लडकी रोशन घर की
Swami Ganganiya
युवा मन❤️‍🔥🤵
युवा मन❤️‍🔥🤵
डॉ० रोहित कौशिक
बेकसूर तुम हो
बेकसूर तुम हो
SUNIL kumar
जीव-जगत आधार...
जीव-जगत आधार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
गिरगिट रंग बदलने लगे हैं
गिरगिट रंग बदलने लगे हैं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कमियाॅं अपनों में नहीं
कमियाॅं अपनों में नहीं
Harminder Kaur
सुनाओ मत मुझे वो बात , आँसू घेर लेते हैं ,
सुनाओ मत मुझे वो बात , आँसू घेर लेते हैं ,
Neelofar Khan
मुहब्बत
मुहब्बत
Pratibha Pandey
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
!! चहक़ सको तो !!
!! चहक़ सको तो !!
Chunnu Lal Gupta
उम्मीदें रखना छोड़ दें
उम्मीदें रखना छोड़ दें
Meera Thakur
रिश्तों की कसौटी
रिश्तों की कसौटी
VINOD CHAUHAN
कहानी हर दिल की
कहानी हर दिल की
Surinder blackpen
यकीन का
यकीन का
Dr fauzia Naseem shad
दुर्गा भाभी
दुर्गा भाभी
Dr.Pratibha Prakash
क्यूट हो सुंदर हो प्यारी सी लगती
क्यूट हो सुंदर हो प्यारी सी लगती
Jitendra Chhonkar
मैं नहीं तो कोई और सही
मैं नहीं तो कोई और सही
Shekhar Chandra Mitra
बदलता बचपन
बदलता बचपन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
.
.
*प्रणय प्रभात*
हिंदी दोहा-कालनेमि
हिंदी दोहा-कालनेमि
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*कुछ अनुभव गहरा गए, हुए साठ के पार (दोहा गीतिका)*
*कुछ अनुभव गहरा गए, हुए साठ के पार (दोहा गीतिका)*
Ravi Prakash
Loading...