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7 Sep 2021 · 1 min read

इन रिश्तों के उपवन को

कितना समय दिया
इन रिश्तों के उपवन को पर
इनके पौधों में कभी कोई फूल
खिला ही नहीं
वह मेरी मेहनत का फल
मुझे देने को राजी ही नहीं
वह खिलेगा नहीं
मुर्झा जायेगा जब
जिस पल रहूंगी मैं नहीं
मुर्झाते मुर्झाते फिर वह कहेगा
खिल जाता मैं वक्त रहते
तो साथ मिलता मुझे अपनों का
क्या पता था कि
अपनों का साथ छूटेगा तो
फिर अपना कोई कभी
नहीं मिलेगा।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 413 Views
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