इन राहों पर
यह रास्ता
साफ क्यों नहीं है
इस पर यह कंकड़,
मिट्टी, पत्थर, धूल और
गंदगी कहां से उड़कर
आ जाते हैं
मैं तो रोज बिछाती हूं
इन राहों पर फूल
यह शूल के जाल
पतझड़ के पत्ते
अवमाननाओं के
सिर से पांव तक
सब कुछ उड़ाते बवंडर
न जाने कहां से
उड़कर चले आते हैं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001