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13 May 2024 · 1 min read

इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू

इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू
ख़ामोश लबों की इल्तिज़ा मुझे यूं ही बदनाम करती है
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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