इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू
इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू
ख़ामोश लबों की इल्तिज़ा मुझे यूं ही बदनाम करती है
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू
ख़ामोश लबों की इल्तिज़ा मुझे यूं ही बदनाम करती है
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”