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7 Oct 2023 · 1 min read

इन्सानियत

है सिफत यह हासिल हमको,कौम के काम आए!
न किसी से कोई गिला रखै, न किसी को सताए!!
साथ मेरे क्या जाएगा ,है इसका अहसास मुझको?
फिर क्यू मुबतिला, देकर धोखा औरो को, कमाए?
क्या साथ लेकर उसको जाएगा जो कुछ कमाया?
जब नही साथ जाएगा ,तो क्यू बदनियती कमाए?
साथ तेरी इन्सानियत,मुहब्बत और खुलूस जाएगा!
कान्धा तो कोई देगा,पर प्यार सारे जहा का पाएगा!!

सर्वाधिकार सुरछित मौलिक रचना
बोधिसत्व कस्तूरिया एडवोकेट,कवि,पत्रकार
202 नीरव निकुजं फेस -2 सिकंदरा,आगरा-282007
मो:9412443093

Language: Hindi
1 Like · 205 Views
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