इन्तज़ार
आज न जाने क्यूं
तेरा इन्तज़ार करना
गवारा नही मुझको।
सालों साल गुजर गए हैं
मेरी ज़िंदगी से गये हुए तुझको।।
ना तू आई ना तेरा ख्याल आया
कभी भी तेरे चले जाने के बाद।
भुला दिया था तुझे ये मान लिया था
कभी ना आने दी दिल में तेरी याद।।
पर आज क्यों छलक आये आंसू
मेरी आँखों में कर के याद तुझको
सालों साल गुजर गए हैं
मेरी ज़िंदगी से गये हुए तुझको
वीर कुमार जैन ‘अकेला’