8.इन्तजार
बिन तेरे क्यों थमी सी लगती है जिंदगी ,
कहाँ है तू बता …………….ऐ हमनशी ।
बहार भी लगती आजकल खामोश है ,
जीने का न अब कोई मकसद बचा है ।।
गीत भी अधूरे हैं ……………. बिन तेरे ,
लगती है जिंदगी भी मेहमाँ कुछ पल की।
हर पल आँखों को एक इन्तजार है ,
शायद तू यहीं कहीं ……..आस पास है ।।