इत्र
न जाने किसने मेरे जनाजे पर
ऐसा इत्र छिड़क दिया
जो आया मेरे जनाजे को कंधा देने
मेरे शहरे से लिपट गया
उड़ रही खबरें मेरी रुखसत की
फूल चढ़ाने मेरी कब्र पर आता रहा
न जाने किसने मेरे जनाजे पर
ऐसा इत्र छिड़क दिया
जो आया मेरे जनाजे को कंधा देने
मेरे शहरे से लिपट गया
उड़ रही खबरें मेरी रुखसत की
फूल चढ़ाने मेरी कब्र पर आता रहा