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19 May 2024 · 1 min read

बोलता इतिहास 🙏

बोलता इतिहास
बढ़ता होश जोश 🙏
🔵🔵🔵🔵🔵
प्राचीरों से बोलता हतिहास
अतीत दिखता है खंडरों में
वीर बोली घाटी और दर्रों में
शोभती गाथाएं भित्ति चित्रों

चौंक चौराहे प्रवेश तोरणों में
इतिहास दफ़न है भू मांटी में
पग परवार शहीद सपूतों की
जलद नीर अश्रु जलधि मिले
आक्रोश छिपा जनमानस में

जोश भरा जनता के बांहों में
फड़क रहा है कदाचारों पर
प्रहार मुष्टिका बांध खड़ा है
राजद्रोही देश के गद्दारों पर

उबल रहा वाणी से पाणि है
रिपु मिटाने वीर जवानों का
इतिहास का वह न्यारा प्यारा
पल पल बीते क्षण इकप्रतीक

हरे भरे खेत विचार वसूलों में
शिक्षा दीक्षा गुरुकुल स्कूलों में
पलता संस्कार पिता माता के
भाव भावना सहज आँचल में

धर्म कर्म प्रखर है निज दूजे
ऊँच नीच भेद मत भेद नहीं
काले गोरे से सरोकार नहीं
भाषा भाषी से दरोकार नहीं

सच्ची प्यार मानवता की सेवा
सबको सबसे स्नेह का नाता
जनता जनतंत्र भाग्य विधाता
हर कठिन विवादों में बैठ साथ

बात चीत प्रेम से उलझाता नहीं
निकाल निदान से सुलझाता है
भाई चारे में दीर्घ संबंध बढ़ता
तोड़ नहीं एक अटल जोड़ हैं

कचहरी पंचायत झंझट से दूर है
इतिहास परे मानवता का संदेश
मौन वक्त हर्षित हो बोल पड़ता
तीव्र से बदला इतिहास दीखता

जन गण मानस दिल दिमागों में
जय भारत जय भारतीय कागज
से गुंज रहा भारत के इतिहास में
🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵🙏
तारकेशवर प्रसाद तरूण

Language: Hindi
138 Views
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
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