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22 Nov 2023 · 1 min read

इतिहास गवाह है ईस बात का

इतिहास गवाह है ईस बात का
वक्त ही दिखाता है जगह औकात का
इंसा ही इंसा को समझता नहीं
रूसवा करता है अपनी ही जात का
जानवर और इंसा में महज यही फर्क है
फ़र्क पड़ता है उसे हर बात का
दिमाग हर बात पे तर्क करता रहता है,
महसूस करता है दिल सभी जस्बात का
ठहरकर, एकांत में सोच ज़रा
तू तो प्यादा है एक,इस बिछी बिसात का
चिता की ताप भी न साथ जाएगी तेरे
गुरूर न कर, जिंदगी की खैरात का

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