इतने संगदिल न बनो
कैसे लोग हो गए संगदिल ,
हादसे में सड़क पड़े जख्मी इंसान के लिए ,
क्यों दहलता नही इनका दिल।
उसकी तुरंत सहायता करने के बजाय ,
फोटो खींचे वीडियो बनाएं,
सामने पड़ा जख्मी इंसान को ,
वो निर्दयता से तमाशा बनाएं ।
वो इंसान बेचारा उपचार समय पर न मिलने से ,
यूं ही तड़पता हुआ मर जाय ।
ना जाने ऐसे कमजरफों को उसकी ,
मौत से क्या होता है हासिल?
एक बार भी यह नहीं सोचते ,ये हादसा
उनके साथ भी हो सकता है ।
कोई अमृत पीकर तो इस दुनिया में नहीं ,
आया है।
अगर वो निभाते है अपना इंसानियत का धर्म ,
तो कल कोई और भी उनकी मदद करेगा ।
वरना उपचार और सहयोग की कमी से ,
उनका भी यही हश्र होगा ।
इसीलिए हमारी आपसे प्रार्थना है ,
यूं न मारो अपने अंदर की इंसानियत ,
इंसान हो ,इंसान ही बने रहो ,
ना बनो संगदिल ।