इतना शोर क्यों भाई
गिर गया पुल तो इतना शोर क्यों भाई?
पुल ही तो गिरा है। कोई मरा तो नहीं।
मरता भी तो क्या होता। मुआवजा देते।
पुल सरकारी था, इतना शोर क्यों भाई?
गिर गया तो, गिर गया | फिर बनेगा ।
जब जोड़ तोड़ कर सरकार बनाते हैं ।
तो जोड़ तोड़ वाली पुल तो बनायेगे ही ।
आदमी जितना गिरता,उतना ही उठता है।
गिर रहा है इतना आदमी, तो शोर क्यो भाई?
खा गया चारा तो इतना शोर क्यों भाई?
चारा तो खाने के लिए ही तो होता है।
अब चाहे उसे जानवर खाये या आदमी ?
जानवर और आदमी में फर्क ही कितना है।
दोनों ही अवसर पाकर दुलत्ती मारता है।
खा गया चारा तो इतना शोर क्यों भाई?
नेता,पुलिस,अपराधी एक हैं ।
जनता नेता चुनती है।अपने लिए।
नेता चुनाव जीतता है अपने लिए।
पुलिस की नोकरी है अपने लिए।
अपराधी अपराध करता है अपने लिए।
नेता, पुलिस,सब चोर है तो शोर क्यों भाई?
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©® रवि शंकर साह