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7 Nov 2024 · 1 min read

इतना रोए हैं कि याद में तेरी,

इतना रोए हैं कि याद में तेरी,
अपनी आंखें भी हम गवां बैठे।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

1 Like · 49 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
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